अब अरावली में मिलेगा ‘जंगल सफारी’ का मज़ा
Gurugram News Network – गुरुग्राम की अरावली में ट्रैकिंग तथा जंगल सफारी बनाई जाएगी। इसके लिए परियोजना तैयार करने को अधिकारियों को कहा गया है। अपने गुरुग्राम प्रवास के दौरान इस सफ़ारी को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ वन तथा पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ गहनता से चर्चा की और अधिकारियों को इस बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव वीरवार को डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर गुरुग्राम आए हुए थे और उन्होंने इस अवसर का लाभ उठाते हुए अरावली पर्वत श्रृंखला में वन सफारी बनाने के प्रोजेक्ट पर संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की। यह बैठक गुरूग्राम के लोक निर्माण विश्रामगृह में आयोजित की गई थी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के पर्यटन तथा वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एसपीवी बनाकर योजनाबद्ध तरीके से इस प्रोजेक्ट पर काम करें। अभी यह प्रोजेक्ट अपने शुरूआती दौर में ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ल्ड क्लास वन या जंगल सफारी विकसित करने के लिए एक कमेटी बनाकर प्रोजेक्ट तैयार करें जिसमें पर्यटन तथा वन विभाग के अधिकारियों के अलावा गुरुग्राम तथा नूंह जिलों के उपायुक्तों और जिला विकास पंचायत अधिकारियों को शामिल करें। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट का पूरा खाका तैयार करके उसे चरणबद्ध तरीके से लागू करें जिसमें हर चरण के लिए टाईम लाईन अर्थात् समय सीमा तय हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस जंगल सफारी को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए विश्व स्तरीय विशेषज्ञों से राय व सुझाव प्राप्त किए जाएं और प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार होने के बाद उसके ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएं। उन्होंने कहा कि जंगल सफारी विकसित होने से एक ओर जहां इस पर्वत श्रृंखला को संरक्षित करने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों से यहां काफी संख्या में लोग पर्यटन के लिए आएंगे जिससे स्थानीय लोगों के लिए बहुत सारे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। आसपास के गांवों में ग्रामीणों को होम स्टे पॉलिसी के तहत लाभ होगा।
बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से दर्शाया कि अरावली पर्वत श्रृंखला एक सांस्कृतिक धरोहर है जहां पर पक्षियों, वन्य प्राणियों, तितलियों आदि की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ वर्षो पहले करवाए गए सर्वे के अनुसार अरावली पर्वत श्रृंखला में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स अर्थात् स्तनधारी वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाईल्स अर्थात् जमीन पर रेंगने वाले और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां तथा तितलियों की 57 प्रजातियां विद्यमान हैं। इस प्रेजेंटेशन में जंगल सफारी के लिए गुरूग्राम तथा नूंह जिलों की अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाले लगभग 3800 हैक्टेयर (10 हजार ऐकड़) भूमि का प्रस्ताव किया गया है।
बैठक में उपस्थित केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि जंगल सफारी प्रोजेक्ट तैयार करते समय पर्यटकों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी जगह चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि इस सफारी में जाने वाले लोग केवल बैटरी चालित वाहनों से ही जाएं ताकि अरावली पर्वत श्रृंखला की हरियाली और पर्यावरण को नुकसान न हो। इसके साथ केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि जंगल सफारी बनाने के लिए उनके मंत्रालय से जो भी स्वीकृति या मंजूरी की आवश्यकता होगी वह जल्द दिला दी जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के पब्लिक सेफ्टी एडवाइजर अनिल राव, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव एम डी सिन्हा, हरियाणा वन विभाग की मुख्य वन संरक्षक वास्वी त्यागी सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।